इस आलेख का लक्ष्य लेखक संगठनों के प्रति घृणा पैदा करना नहीं है बल्कि यह लेखक संगठनों की सीमा के दायरे के परे जाकर लिखा गया है।
2.
दूसरे, पठानों और कुरैशियों के चरित्र-चित्रण में हर कदम पर पठानों को महिमामंडित करना और उन्हीं कसौटियों पर कुरैशियों के खिलाफ घृणा पैदा करना... ।
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आज सब लोग जो चाहें हिन्दू सम्प्रदाय से जुड़े हों या मुस्लिम समुदाय से, इन सब चीजों को मुद्दा बनाना महज एक समुदाय का दूसरे समुदाय के प्रति घृणा पैदा करना है, न कि किसी का हित सोचना क्योंकि न तो हिन्दू समुदाय के हितकारी उसे मंदिर ही बनने देना चाहते न ही मुस्लिम समुदाय के वादी प्रतिवादी उसे मस्जिद ही रहने देना चाहते हैं ।
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आज सब लोग जो चाहें हिन्दू सम्प्रदाय से जुड़े हों या मुस्लिम समुदाय से, इन सब चीजों को मुद्दा बनाना महज एक समुदाय का दूसरे समुदाय के प्रति घृणा पैदा करना है, न कि किसी का हित सोचना क्योंकि न तो हिन्दू समुदाय के हितकारी उसे मंदिर ही बनने देना चाहते न ही मुस्लिम समुदाय के वादी प्रतिवादी उसे मस्जिद ही रहने देना चाहते हैं ।